रामगढ़: बुधवार को जिला समाहरणालय सभागार में उपायुक्त श्री संदीप सिंह की अध्यक्षता में 30 सितंबर 2020 समाप्त तिमाही की जिला स्तरीय डीएलसीसी की बैठक संपन्न हुई
बैठक के दौरान उपायुक्त ने सबसे पहले पूर्व की बैठकों में दिए गए निर्देशों के प्रति हुए कार्यों की समीक्षा की।
बैठक के दौरान वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही की उपलब्धियों का मूल्यांकन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभुकों को केसीसी ऋण से आच्छादित करने, डेयरी, पोल्ट्री, फिशरी किसानों के लिए वर्किंग कैपिटल राशि केसीसी के तहत उपलब्ध कराने आदि के संबंध में विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।
बैठक के दौरान डीडीएम नाबार्ड श्री उपेंद्र कुमार साह द्वारा क्षेत्र विकास योजनाओं जैसे गव्य विकास, बकरी पालन परियोजनाओं के संबंध में किए जा रहे कार्यो तथा उपलब्ध सब्सिडि की जानकारी दी गई।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों से कहा कि वे अपने स्तर से सुनिश्चित करें कि जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रह रहे किसानों को प्रोत्साहित किया जाए। इसके साथ ही उन्हें उनके कार्यों हेतु विभिन्न प्रकार के ऋण भी उपलब्ध कराया जाए ताकि समाज में एक बेहतर बदलाव आ सकें।
बैठक के दौरान उपायुक्त सहित अन्य अधिकारियों ने वर्ष 2021-22 के लिए रामगढ़ जिला का संभाब्यतायुक्त साख योजना का शुभारंभ किया गया। जिला के लिए 817.56 करोड़ के संभाब्यता का आकलन किया गया हैं जिसमे कृषि हेतु 342.08 करोड़, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए 358.23 करोड़ , शिक्षा के लिए 23.14 करोड़ , आवास के लिए 27.28 करोड़, एसएचजी/ जेएलजी के लिए 48.25 करोड़ के संभाव्यता का आकलन किया गया हैं। साथ ही दुग्ध विकास (डेयरी) तथा बकरी पालन पर क्षेत्र विकास योजना 2020-25 का भी शुभारंभ किया गया। दुग्ध विकास (डेयरी) के लिए पाँच वर्षो में 204.90 करोड़ के वित्तीय परिव्यय और दो गाय की 6326 यूनिट तथा 5 गाय की 3025 यूनिट स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया हैं। बकरी पालन के लिए 10+1 बकरी की 5800 इकाई तथा 20+1 बकरी का 3500 यूनिट स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया हैं। इन गतिविधियों से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार उपलब्ध हो सकेगा तथा ग्रामीणों की आया बढ़ाने में मिलेगी।
*बैठक में उपायुक्त के साथ उप विकास आयुक्त, आरबीआई से एलडीओ, एलडीएम, डीडीएम नाबार्ड, जेएसएलपीएस के डिपीएम, जिला उधयोग केन्द्र के जीएम, आत्मा परियोजना निदेशक, जिला गव्य पदाधिकारी.