झारखण्ड में हर साल पांच हजार से अधिक सड़क दुर्घटनाएं और तीन हजार से अधिक मौतें होती हैं। दुघर्टना में अधिकांश मौत युवाओं की हो रही है। इसको लेकर सरकार ने झारखण्ड गुड स्मारटियन पॉलिसी को स्वीकृति दी है। अब सरकार घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित करेगी। झारखण्ड में सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की मृत्यु दर अधिक है। अक्सर देखने में आता है कि सड़क किनारे कोई दुर्घटना हो जाती है और कोई मदद को आगे नहीं आता। इसकी वजह होती है कि ऐसे मामलों में मदद करने वाले को पुलिस द्वारा परेशान किया जाता है। लेकिन अब सरकार ने ऐसे नेक आदमी के संरक्षण के लिए नियम बना दिए हैं। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की जीवन रक्षा तथा अंग की हानि कम करने हेतु गोल्डन हावर(प्रथम 60 मिनट) में उपचार सर्वाधिक प्रभाव होता है, जिसके लिए घायल व्यक्तियों का गोल्डन आवर में निकटवर्ती अस्पताल में ले जाना आवश्यक है। लेकिन आम लोग, राहगीर द्वारा मानवता के आधार पर सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को निकटवर्ती अस्पताल पहुंचाने की इच्छा रहने के बावजूद भी पुलिस के सवाल-जवाब एवं कानूनी प्रक्रिया में उलझने के डर से अस्पताल ले जाने का प्रयास नहीं किया जाता है। अब ऐसा नहीं होगा। सड़क दुर्घटना में प्रभावित जख्मी व्यक्तियों के सहायतार्थ नेक नागरिक (Good Samaritian) को प्रेरित करने के उद्देश्य से Jharkhand Good Samaritan Policy को मंत्रिपरिषद ने स्वीकृति दी है। ★जानिये क्या खास है पॉलिसी में.. ★सरकारी कर्मी और जन प्रतिनिधियों पर भी सड़क दुर्घटना में घायल को मदद करने की जिम्मेवारी★दुर्घटना के एक घंटे यानी गोल्डेन आवर में घायल को अस्पताल पहुंचाने पर दो हजार रुपये★दो व्यक्ति अगर किसी घायल को नजदीकी अस्पताल पहुंचाते हैं तो दोनों को दो- हजार देने की योजना★दो से अधिक लोग किसी घायल को अस्पताल पहुंचाते हैं तो पांच हजार रुपये सरकार देगी, उक्त राशि सभी के बीच समान रूप से वितरित किया जाएगा★दुर्घटना से संबंधित जानकारी लेने की स्थित में पुलिस को हर पूछताछ के लिए नेक नागरिक के बैंक एकाउंट में डालना होगा एक हजार रुपये