रांची – अब NEET परीक्षा में नाकाम होने वाले अभ्यर्थी भी मेडिकल बीडीएस यानी दांत के डॉक्टर बनने के लिए कॉलेजों में दाखिला ले सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के मुताबिक मेडिकल बीडीएस के पाठ्यक्रम में अब नीट में फेल होने वाले छात्र भी दाखिला ले सकते हैं क्योंकि बहुत सारे मेडिकल कॉलेज में बीडीएस की सीटें खाली पड़ी हैं।सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्ष 2016 में यह निर्णय लिया गया था कि जो अभ्यर्थी नीट की परीक्षा में 50 फीसदी से ऊपर नंबर लाएंगे उनको ही एमबीबीएस और बीडीएस में प्रवेश मिल सकेगा। 50 प्रतिशत से कम लाने वाले अभ्यर्थियों को किसी भी कोटे के तहत मेडिकल में प्रवेश नहीं मिलेगा। मौजूदा समय में बीडीएस की देश में 7000 सीट खाली पड़ी हैं जिनको भरने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय दिया है। अब नीट में फेल होने वाले छात्र भी बीडीएस में एडमिशन ले सकते हैं। पासिंग मार्क्स को 50 प्रतिशत से घटाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है।