खूंटी जिले के रनिया प्रखंड में आज महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के अंतर्गत तसर की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लुगम चासी मेले का आयोजन रानिया के बाजारटांड मैदान में किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों और आमजनों के बीच तसर एवं रेशम पालन को बढ़ावा देना है। मेले का उदघाटन उपायुक्त, श्री शशि रंजन एवं पुलिस अधीक्षक, श्री आशुतोष शेखर व अनुमण्डल पदाधिकारी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। *तसर मेले में 700 से अधिक महिला किसानों ने शामिल होकर तसर खेती के विषय पर विस्तृत जानकारियाँ प्राप्त की।* वर्तमान में महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के माध्यम से रनिया प्रखंड में 675 किसान जुड़े हुए हैं जो अर्जुन और आसन के पेड़ों पर दो अलग-अलग मौसम में तसर की खेती कर रहे हैं। तसर की खेती दो प्रकार की होती हैं, जिनमें बुनियादी तसर की खेती एवं व्यावसायिक तसर की खेती शामिल हैं। रनिया में इस वित्तीय वर्ष में 1 लाख 51 हजार कुकून बुनियादी बीज के माध्यम से एवं 4 लाख 72 हजार कुकून का उत्पादन व्यावसायिक बीज के माध्यम से किया जा चूका है। प्रखंड के विभिन्न इलाकों में कुकून उत्पादन एवं तसर की खेती को बढ़ावा देने के लिए 23 उत्पादक समूहों का भी गठन किया गया है। साथ ही आगामी वर्ष में किसानों की संख्या बढ़ा कर 1200 करने का लक्ष्य रखा गया है। *महिलाओं व किशोरियों को विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़ा जाय– उपायुक्त*================उपायुक्त द्वारा अपने संबोधन में महिलाओं को प्रोत्साहित करने के क्रम में बताया गया कि रनिया प्रखण्ड में तसर की खेती बड़े पैमाने पर की जा सकती है। रनिया में इस मेले के माध्यम से तसर की खेती को काफी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि रनिया अब रेशम का हब बनेगा।आगे उन्होंने कहा कि जेएसएलपीएस निरन्तर तसर की खेती को बढ़ावा देने में सहयोग करने के लिए अग्रेसित है। उन्होंने कहा कि माहिलाएं ज्यादा से ज्यादा संख्या में इससे जुड़ कर बड़े पैमाने पर तसर की खेती करें और यहीं कपड़ों का भी निर्माण करें। जिला प्रशासन महिलाओं के इन प्रयासों में हर प्रकार की तकनिकी व आर्थिक सहयोग करने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं व किशोरियों को विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़ा जाएगा, जिससे माहिलाएं आजीविका के साधनों से जुड़कर आत्मनिर्भर बनें। कार्यक्रम के दौरान पुलिस अधीक्षक द्वारा बताया गया कि महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। ताकि महिलाओं के आर्थिक व सामाजिक रूप से सशक्त एवं मजबूत बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जुड़कर माहिलाएं अपने क्षेत्र का भी विकास सुनिश्चित कर रही हैं। *कार्यक्रम के दौरान तसर खेती के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 5 किसानों, 6 आजीविका रेशम मित्रों व 3 डीएफएल टेस्टिंग करने वालों को प्रशस्ति पत्र व शील्ड देकर पुरुस्कृत किया गया।* कार्यक्रम के दौरान डायन प्रथा के विरुद्ध जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से खटंगा आजीविका महिला संकुल संगठन की महिलाओं द्वारा नुक्कड़ नाटक का भी मंचन किया गया। नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति को उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक द्वारा सराहा गया एवं नुक्कड़ नाटक की टीम को प्रोत्साहन राशी देकर पुरुस्कृत भी किया गया। इसी क्रम में उपायुक्त द्वारा तसर के बुनियादी बीज संग्रह करने की इकाई का उदघाटन किया गया। मेले में पलाश ब्रांड के अंतर्गत उत्पादित किये जा रहे उत्पादों यथा सौस, पापड़, अचार, मसाला, साबुन आदि को भी प्रदर्शित किया गया। मेले में आये आगन्तुकों ने प्रदर्शित किये गये बुनियादी तसर की खेती और व्यावसायिक तसर की खेती के डमी मॉडल का अवलोकन किया और तकनिकी जानकारियां प्राप्त की।