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Monday, December 23, 2024
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खूंटी – उपायुक्त द्वारा मुरहू प्रखण्ड के कोचडोंग गांव का भ्रमण

आज उपायुक्त, श्री शशि रंजन एवं पुलिस अधीक्षक, श्री आशुतोष शेखर द्वारा संयुक्त रूप से मुरहू प्रखण्ड के कोजड़ोंग गांव का भ्रमण किया गया। इस दौरान मुख्य रूप से अनुमण्डल पदाधिकारी, श्री सैयद रियाज़ अहमद, अंचल अधिकारी, मुरहू, जे.एस. एल.पी.एस के प्रतिनिधि एवं सेवा वेलफेयर सोसायटी के सदस्य उपस्थित थे। गांव की बच्चियों द्वारा पारंपरिक रूप से स्वागत किया गया। ■ *ग्रामीणों की समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण करने के दिये निर्देश।*==============इस दौरान उपायुक्त ने गांव के अखरा में बैठककर ग्रामीणों से सीधा संवाद किया। ग्रामीणों के साथ बैठक के क्रम में उन्होंने लोगों की जरूरतों को जाना और उसे पूरी करने का आश्वासन दिया। मौके पर उपायुक्त ने तेजस्वनी परियोजना की बच्चियों से बातचीत की और गांव में लाईब्रेरी खोलने और कम्प्यूटर उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही 12वीं पास युवतियों को नर्सिंग की प्राशिक्षण कराने की बात भी कही। ग्रामीणों की मुख्य मांग स्कूल का विकास करना था। उपायुक्त ने पुराने स्कूल भवन की मरम्मत कराने और काटेदार तार का घेरा लगवाने का निर्देश मौके पर संबंधित अधिकारियों को दिया। जंगलों के बीच बसे इस गांव के लोगों में विकास की ललक को देखना प्रसन्नता का विषय है। स्वास्थ्य सेवाओं के मुद्दे पर उपायुक्त ने सोयको और किताहातु के स्वास्थ्य उपकेंद्रों को क्रियाशील बनाने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया। इसके साथ ही उपायुक्त द्वारा दस दिनों के अंदर कोजड़ोंग में बिजली सुविधा बहाल करने का निर्देश दिया गया। खूंटी जिला प्रशासन अफीम की खेती को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के साथ-साथ गांव के लोगों को इसका विकल्प भी दे रही है। जिले में औषधीय और सगंध पौधों की खेती को अफीम का विकल्प माना जा रहा है।■ *आसवन केंद्र का सफल संचालन से इससे तेल निकालने और बाजार व्यवस्था को भी दुरूस्त कर लिया गया है।*=================इसी क्रम में जिला प्रशासन और सेवा वेलफेयर सोसाईटी के द्वारा जिले में 100 एकड़ में लेमनग्रास की खेती करने के लिए हुए एमओयू के तहत अब तक 75 एकड़ में लेमनग्रास लगाये जा चुके हैं। 25 एकड़ में लगाने का कार्य जारी है। वहीं जेएसएलपीएस के द्वारा जिले मे 135 एकड़ में लेमनग्रास की खेती की गई है। साथ ही इससे तेल निकालने और बाजार व्यवस्था को भी दुरूस्त कर लिया गया है।लगभग 20 लाख रूपये की लागत से पूर्वी भारत का सबसे बेहतर आसवन केंद्र जिला प्रशासन द्वारा अकांक्षी जिला मद से मुरहू प्रखंड के सुरूंदा गांव में स्थापित किया गया है। जिसकी क्षमता एक टन की है। इसके अलावा अनिगड़ा में एक आसवन केंद्र का संचालन जेएसएलपीएस के द्वारा किया जा रहा है। अब लेमनग्रास से तेल निकालना आसान हो गया है। उपायुक्त ने लहलहाते लेमनग्रास की खेती देख प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा कि जिले की यह बड़ी सफलताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी और जंगली इलाकों के अनुपयोगी अपलैंड जो बेकार रहते थे, उसका उपयोग लेमनग्रास की खेती के लिए की गई है। यह अच्छी बात है। अब बेकार भूमि ग्रामीणों के आजीविका का साधन साबित हुआ है। उन्होंने जिले में व्यापक रूप से लेमनग्रास की खेती कराने की बात कही। मौके पर पुलिस अधीक्षक, श्री आशुतोष शेखर ने कहा कि लेमनग्रास की खेती एक अच्छा प्रयास है। बहुत ही सराहनीय है। उन्होंने कहा कि समाज में अवैध रूप से अफभ्म की खेती करने वाले और भटके हुए लोगों के लिए यह आजीविका का एक सशक्त माध्यम है। भविष्य में लेमनग्रास की खेती गांव, समाज के लोगों के लिए आजीविका का सशक्त साधन होगा। जिससे खूंटी एक खुशहाल जिला बनेगा। इसी क्रम में उपायुक्त द्वारा देसी आसवन केंद्र का भी अवलोकन किया गया। कोजड़ोंग गांव में चाड़ा मुंडा द्वारा मात्र 40 हजार रूपये खर्च कर बनाये गए आसवन केंद्र को देखा और चाड़ा मुंडा के इस कार्य के लिए उनकी सराहना की। चाड़ा मुंडा प्रति दिन इस आसवन केंद्र से एक से डेढ़ लीटर तेल निकालते हैं।

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