देवघर।मंगलवार को झारखंड आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा राज्य के सभी धार्मिक स्थानों को खोले जाने की घोषणा के साथ ही देवो के देव महाधिदेव की नगरी बाबा बैद्यनाथधाम में बाबा वैद्यनाथ के भक्तों का आना भले ही जारी हो गया हो किंतु जिला प्रशासन आज भी कुम्भकर्णी निद्रा में सोई हुई है और सुल्तानगंज से विभिन्न मार्गो से होते हुए बाबा नगरी की सीमा दुम्मा और वहां से खिजुरिया पहुचते ही बाबा के भक्त कावरियों को कादो – पानी से सने रास्ते से गुजरते समय नारकीय स्थिति का अहसास होने लगता है बल्कि उनके आस्था पर भी गहरी चोट पहुँचती है। इतना ही नही इन कावरियों के अलावे इस कादो पानी सने रास्ते मे डंडी बम को होनेवाली परेशानियों के बारे में चर्चा करना भी संभव नही लगता है। बताते चले कि डंडी बम सुलतान गंज से लेटते-लेटते अर्थात दंड देते बाबा मंदिर पहुचते है। अब कल्पना कर सकते है कि कादो पानी वाले रास्ते से कांवरियां तो अगल-बगल से निकल जा सकते है किंतु डंडी बम इन रास्ते से कैसे निकलेंगे। इस नारकीय रास्ता की मरम्मति के लीए झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के जिला संयोजक नन्द किशोर दास के अलावे कई कावरियों ने प्रशासन से अविलम्ब मरम्मति कराने की मांग की। इस रास्ते के अगल – बगल के लोगो ने कहा कि उक्त रास्ते से अब सैकड़ो कांवरियां गुजरेंगे जिन्हें इस कादो पानी से अत्यधिक परेशानियों का सामना करनापड़ेगा । अब देखना है कि उक्त रास्ते की मरम्मति कितना जल्दी हो पाती है या बनता है लम्बा-चौड़ा बजट। वैसे कई लोगो ने कहा कि उपायुक्त मन्जूनाथ भजंत्री इस पथ की समस्या को पता चलते ही दूर कर देंगे!