चितरपुर प्रखंड अंतर्गत मारंगमर्चा पंचायत की निवासी श्रीमती रेखा देवी एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती है उनका मुख्य पेशा कृषि है श्रीमती रेखा देवी और उनका परिवार हमेशा पारंपरिक विधि से ही खेती करता था और उससे उन्हें उतनी उपज नहीं होती थी कि उनके परिवार का भरण-पोषण अच्छे से हो सके। उनके पास खेती के अलावा आमदनी का कोई और स्रोत नहीं था जिसके कारण इस महंगाई में अपने परिवार के लिए कुछ ज्यादा कर पाना उनके लिए संभव नहीं था। वही रेखा देवी और उनके परिवार को कृषि की नई तकनीकों को अपनाने में बहुत ज्यादा जोखिम भी नजर आता था। अधिकतर समय खेतों में व्यतीत करने के कारण अपने आर्थिक तंगी को समाप्त करने हेतु अन्य स्रोत से आए का इंतजाम करना भी उनके लिए संभव नहीं था एक दिन रेखा देवी कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा) के कर्मी के संपर्क में आई और उनके अंदर आधुनिक तकनीक से खेती करने के लिए दिलचस्पी बढ़ी। उन्हें आत्मा से एक्सटेंशन रिफॉर्म योजना अंतर्गत धान का प्रत्यक्षण मिला साथ ही प्रखंड तकनीकी प्रबंधक चितरपुर द्वारा इन्हें श्री विधि से धान लगाने का प्रशिक्षण दिया गया इसके साथ ही उन्हें समेकित कृषि प्रणाली को अपनाने के लिए कहा गया। जिसके बाद उन्होंने वैज्ञानिक तरीके से खेती करना शुरू किया जिससे आज वे अपनी आय बढ़ाने के साथ-साथ आसपास के लोगों को भी नई तकनीक से खेती करने के लिए प्रेरित कर रहीं है।सफलता की कहानी खुद रेखा देवी की जुबानी।मैं रेखा देवी रामगढ़ जिला अंतर्गत चितरपुर प्रखंड के मारंगमर्चा पंचायत की निवासी हूं। मेरे परिवार का मुख्य पेशा कृषि है और कृषि के अलावा आमदनी का दूसरा कोई स्रोत नहीं है। मेरा परिवार एक रूढ़िवादी परिवार है और हम लोग पारंपरिक ढंग से ही कृषि कार्य करते आ रहे थे। पूरा समय कृषि कार्य में देने के कारण आमदनी का दूसरा कोई श्रोत भी नहीं था जिस कारण परिवार के भरण-पोषण करना काफी मुश्किल होता था। तभी एक दिन मेरी मुलाकात आत्मा के प्रभारी प्रखंड तकनीकी प्रबंधक कुमारी प्रभावती से हुई। मैंने उन्हें कृषि में आने वाली समस्याओं से अवगत कराया जिसके बाद उन्होंने मुझे एक्सटेंशन रिफॉर्म योजना अंतर्गत धान का प्रत्यक्षन दिया और श्री विधि से धान की खेती करने का प्रशिक्षण दिया।इसके साथ ही