वर्ष 2022 में केन्दू पत्ती खरीद को लेकर प्रशासनिक कवायद प्रारंभ कर दी गयी। इसे लेकर आयुक्त- सह-केन्दू पत्ती सलाहकार समिति के अध्यक्ष जटा शंकर चौधरी की अध्यक्षता में सभी सदस्यों की बैठक हुई। इसमें पलामू प्रमंडल के कार्य क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2022 मौसम के लिए केन्दू पत्ती के संग्रहण मूल्य प्रति मानक बोरा के निर्धारण हेतु राज्य सरकार को परामर्श देने के लिए विचार-विमर्श किया गया। आयुक्त ने कहा कि लघु वनोपज केन्दू पत्ती के संग्रहण कार्य को बेहतर तरीके से कराने एवं पत्ता तोड़ने वाले मजदूरों की सुविधा पर भी ध्यान देने की बातें कही। बैठक में समिति द्वारा सर्वसम्मति से वर्ष 2022 संग्रहण मौसम के लिए सरकारी भूमि पर उगने वाले एवं रैयती भूमि पर उगने वाले केन्दू पत्ती 1550 रुपये प्रति मानक बोरा संग्रहण मूल्य का परामर्श दिया गया। संग्रहण दर को लेकर लघु वन पदार्थ परियोजना अंचल, हजारीबाग के महाप्रबंधक द्वारा सूचित किया गया कि गत वर्ष 2021 में सरकार द्वारा सरकारी भूमि एवं रैयती भूमि से प्राप्त होने वाले केन्दू पत्ती का संग्रहण दर 1250 रुपये प्रति मानक बोरा निर्धारित किया गया था। केन्दू पत्ता संग्राहक समिति के प्रतिनिधि ने सरकार द्वारा निर्धारित संग्रहण मूल्य 1250 रुपये में 25 से 30 वृद्धि करने का सुझाव दिया गया। जबकि केन्दू पत्ता के प्रतिनिधि द्वारा 5 से 10 प्रतिशत वृद्धि करने का सुझाव दिया गया। आयुक्त की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विचार-विमर्श के बाद 1550 रुपये प्रति मानक बोरा का परामर्श देने का निर्णय लिया गया। इस बिंदु पर आयुक्त ने सदस्यों से सुझाव दिया। साथ ही केन्दू पत्ती के व्यापारियों एवं केन्दू पत्ता उगाने वाले सदस्यों की सुविधा और अत्यधिक बार नहीं हो, इसे ध्यान में रखते हुए परामर्श की बातें कही। इसके पूर्व समिति के सदस्यों द्वारा बताया गया कि बिहार सरकार के द्वारा केन्दू पत्ती की उत्पादन मात्रा अधिसूचित की गई थी, जो काफी पुराना निर्धारण है। सदस्यों द्वारा सुझाव दिया गया कि झारखंड बनने से लेकर वर्तमान तक सभी वर्षों के उत्पादन के औसत को अधिसूचित मात्रा पुननिर्धारित करने का आधार बनाया जा सकता है। साथ ही आई.एफ.पी या समकक्षीय वैज्ञानिक संस्थानों द्वारा आकलन भी कराया जा सकता है। समिति द्वारा सर्वसम्मति से यह परामर्श दिया गया कि आई.एफ.पी या कोई तकनीकी/ वैज्ञानिक संस्थान द्वारा नये तरीके से सर्वे कराकर अधिसूचित मात्रा में संसोधन कराने पर विचार किया जा सकता है।केन्दू पत्ती की भंडारण क्षमता में वृद्धि के लिए समिति द्वारा यह परामर्श दिया गया कि केन्दू पत्ती के नए गोदामों के निर्माण केन्दू पत्ती प्राथमिक संग्राहक समिति के पास उपलब्ध विकास मद की राशि अथवा वन निगम अपने संसाधन से संयुक्त रुप से करा सकती है। अविक्रित लॉटो को निविदा के कुछ चक्रों के बाद उसके सुरक्षित मूल्य को एक निश्चित प्रतिशत तक घटाने हेतू विचार विमर्श किया गया। समिति का सुझाव है कि अविक्रित लॉटों में झारखंड राज्य केन्दू पत्ता नीति के तहत विभागीय संग्रहण कराने पर विचार किया जा सकता है। इसके लिए मार्गदर्शिका का निर्धारण कराया जाना होगा। संग्रहण मूल्य के भुगतान में सुधार को लेकर समिति द्वारा सुझाव दिया गया कि झारखंड राज्य केन्दू पत्ता नीति के अनुसार संग्रहण मूल्य का भुगतान केन्दू पत्ती प्राथमिक संग्राहक समिति के माध्यम से करायें।विकास मद की राशि का उपयोग की स्थिति को लेकर समिति का परामर्श है कि केंद्र पति संग्रह समिति के पास उपलब्ध विकास मद की राशि से विकास योजना एवं केन्दू पत्ती पौधों के संवर्धन के कार्य के साथ-साथ नए गोदाम का निर्माण, दोना- पत्तल निर्माण, मधुमक्खी पालन के संग्राहक समितियों के आय में वृद्धि हो सकती है। समिति द्वारा सुझाव दिया गया कि केन्दू पत्ती संग्राहकों को असंगठित कर्मकार कल्याण योजना एवं ई-श्रम पोर्टल पर निबंधित कर भारत सरकार/ राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित योजनाओं का लाभ प्रदान कराये जाने पर विचार किया जा सकता है। बैठक में आयुक्त-सह-केंदुपत्ता सलाहकार समिति के अध्यक्ष जटा शंकर चौधरी के अलावा क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक-सह-विशेष आमंत्रित सदस्य एसके सुमन, लघु वन पदार्थ परियोजना अंचल, हजारीबाग के महाप्रबंधक-सह- संयोजक-सह- सचिव आरएन मिश्रा तथा सदस्य के रूप में कृष्णा प्रसाद यादव, शंख नाथ उरांव, रामलाल उरांव, विकास कुमार रजक, भुखु राम, रमाशंकर मिश्र, आनंद बैठा आदि उपस्थित थे।