आज उपायुक्त, श्री शशि रंजन द्वारा कर्रा प्रखण्ड भ्रमण के दौरान जरियागढ़ गांव में कांस्य व पीतल के बर्तनों का निर्माण कर रहे कारीगरों से मिलकर उनके आर्थिक विकास व कौशल संवर्धन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। जरियागढ़ गांव में कुल 120 परिवार कांस्य व पीतल बर्तनों के निर्माण कार्य से जुड़े हुए हैं। जेएसएलपीएस के माध्यम से यहां उत्पादक समुहों का गठन किया गया है। साथ ही उन्हें संगठित रूप से योजनाओं से जोड़ने हेतु कार्य किये जा रहे हैं। कांस्य व पीतल निर्मित बर्तनों के निर्माण में कांस्य प्लेट, पीतल की प्लेट, कांस्य कटोरा, पीतल का करछुल (कलचुल), पान (कढ़ाई), पीतल का मग और कांच, क्रॉक पोटा (डेक्ची) और अन्य पीतल और कांसे के बर्तन शामिल हैं। समाज में इन बर्तनों को व्यापक स्तर पर प्रयोग किया जाता है। जहां धार्मिक अनुष्ठानों व त्योहारों में इसके निश्चित रूपेण प्रयोग किया जाता है। वहीं अधिकांश लोग भी कांसे व पीतल के बर्तनों का इस्तेमाल शुद्धता अनुभव करने के लिए करते हैं। इस दौरान कारीगरों को आ रही समस्याओं के सम्बंध में भी चर्चा की गयी। उपायुक्त द्वारा बताया गया कि उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री आजीविका संवर्धन योजना से जोड़कर उन्हें लाभ मिल सकेगा। कारीगरों के आर्थिक विकास एवं कौशल वर्धन हेतु उत्पादों को पलाश ब्रांड के जरिए उचित बाजार उपलब्ध कराने के लिए विशेष विचार- विमर्श किया गया एवं संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए। उपायुक्त द्वारा सम्बन्धित पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि कारीगरों को तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराते हुए उन्हें कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जाय।