क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र, चियांकी में तीन दिवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत हुई। इसका उद्घाटन संस्थान के सह निदेशक डाॅ. डीएन सिंह, वैज्ञानिक प्रमोद कुमार, डाॅ. केएस मोहन, डाॅ. अखिलेश साह एवं कृषक नगेन्द्र कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से किया।लातेहार के आत्मा द्वारा वित्त संपोषित प्रशिक्षण में लातेहार जिले के केचकी एवं बरवाडीह के किसान विकसित तकनीक द्वारा सब्जी विषय पर तीन दिन तक प्रायोगिक प्रशिक्षण चलेगा। प्रषिक्षण के शुरूआत के मौके पर डाॅ. डीएन सिंह ने कहा कि झारखंड में सब्जी की खेती की काफी संभावनाएं है। तकनीक आधारित सब्जी का उत्पादन कर किसान फायदा ले सकते हैं। उन्होंने सब्जी की खेती में उन्नत तकनीक के संबंध में किसानों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पालामू एवं लातेहार में सब्जी की खेती की अपार संभावनाएं हैं और इसकी खेती कर अच्छी आमदनी कर सकते हैं। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डाॅ. रमेश कुमार ने टमाटर, मिर्च तथा बैगन की वैज्ञानिक खेती करने के तरीके बताये। साथ ही इसका बीज उपचार करने, नर्सरी तैयार करने आदि की विधि की जानकारी दी। क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र, चियांकी के वैज्ञानिक प्रमोद कुमार सब्जी की खेती में नर्सरी बेड बनाने, बीज के प्रभेद का चयन करने, व्यवसाय के रूप में नर्सरी तैयार करने, नर्सरी के दौरान बीज उपचार हेतु रसायनिक दवा से उपचारित करने की विभिन्न पहलुओं, कद्दू, करैला तथा नेनुआ की विकसित खेती करने आदि जानकारी दी।कार्यक्रम के सफल आयोजन में संस्थान के हेड क्लर्क उदयनाथ पाठक, सुरेंद्र सिंह, श्रवण कुमार, किसान नगेंद्र सिंह, मनोज कुमार सिंह, दीनानाथ सिंह, तारा कुंअर, खुशबू कुमारी आदि जुटे हैं।