झारखंड लोक सेवा आयोग का विवादों से हमेशा चोली दामन का साथ रहा है. अच्छा करे तब भी और बुरा हो तब भी. पहली बार आयोग ने रिकार्ड समय में मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी किया है. परिणाम जारी करने के साथ ही साक्षात्कार का शेड्यूल भी जारी कर दिया है, लेकिन मुख्य परीक्षा परिणाम जारी होने के साथ ही इस पर विवाद शुरू हो गया है.उम्मीदवारों का कहना है कि इस परीक्षा परिणाम में धांधली हुई है. उम्मीदवारों का आरोप यह भी है कि इस परीक्षा परिणाम में मंत्रियों के बच्चे और करीबी रिश्तेदारों पर आयोग मेहरबान है. उम्मीदवारों का साथ झारखंड की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के नेताओं का भी मिल रहा है. सच्चाई क्या है इसपर मंथन किये बगैर भाजपा नेताओं ने अपने सोशल मीडिया से आयोग के खिलाफ आग उगलना शुरू कर दिया है.परिणाम में जमकर मनमानी और धांधली : बाबूलालबीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि सोशल मीडिया से जानकारी मिल रही है कि जेपीएससी के रिजल्ट में जमकर मनमानी और धांधली हुई है. योग्य बेरोजगारों की कीमत पर तीन-तीन मंत्रियों के बाल बच्चे पास करा दिया गए हैं. उन्होंने यहां तक लिखा है कि छात्रों ने मुझे पहले भी बताया था कि रिजल्ट निकालने में भारी अनियमितता की तैयारी हो रही है.वहीं विधायक भानु प्रताप शाही ने सवाल खड़े करते हुए पूछा है कि क्या यह सही है कि जेपीएससी परीक्षा में तीन मंत्री के बच्चे और दो मंत्री के करीबी के बच्चे पास हो गए हैं.क्या यह भी सही है कि एक ही रूम में बैठे 18 व्यक्ति पास हो गए हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री और JPSC के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी से मामले को क्लियर करने की मांग की है.गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने अपने ट्वीट में लिखा है कि मुख्यमंत्री जी के मंत्रिमंडल के दो मंत्रियों के बेटे व बेटी ने झारखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की. यदि यह सही है तो बीजेपी इसका प्रतिकार करेगी. यदि गलत है तो लोक सेवा आयोग को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जनता को बताना चाहिए.परीक्षा परिणाम पर क्या है आरोप?जेपीएससी की सातवीं, आठवीं, नौवीं व 10वीं सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के रिजल्ट में भी छात्र नेताओं ने गड़बड़ी का आरोप लगाया है. छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो, उमेश प्रसाद व मनोज यादव ने कहा है कि पीटी में एक ही रूम में बैठे जो 18 अभ्यर्थी सफल हुए, वे सभी मुख्य परीक्षा में भी उत्तीर्ण घोषित किये गये हैं. एक ही रूम में बैठे अभ्यर्थियों का रोल नंबर… 139, 362, 389, 446, 511, 522, 629, 780, 781, ….377, 391, 684, 832, 137, …144, 556, 687 व एक अन्य है.छात्र नेताओं ने कहा कि आयोग ने कैटेगरी वाइज रिजल्ट नहीं दिया है. आयोग को शीघ्र ही कैटेगरी वाइज उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की संख्या सार्वजनिक करनी चाहिए. इसके अलावा कट ऑफ मार्क्स भी जारी करना चाहिए. नेताओं ने कहा है कि रिक्ति के ढाई गुणा के आधार पर रिजल्ट देना है. लेकिन, मुख्य परीक्षा में ढाई गुना से अधिक 200 अभ्यर्थी का रिजल्ट निकाला गया है.आयोग के अनुसार, समान अंक रहने के कारण उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ गयी है, जो संभव नहीं लगता. पीटी में समान अंक मिल सकते हैं, लेकिन मुख्य परीक्षा में इतनी बड़ी संख्या में समान अंक मिलना संदेह पैदा करता है.