पूरे देश में शिक्षक दिवस के मौके पर जहां शिक्षकों के सम्मान में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए है। वहीं झारखंड के कोडरमा जिले के पारा शिक्षकों ने अपना हक नहीं मिलने को लेकर अपने अपने घरों पर अनशन करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया।
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के राज्य इकाई सदस्य वीरेंद्र कुमार राय ने कहा कि शिक्षक दिवस से पूर्व ही सरकार को आंदोलन के प्रति जानकारी दी गई थी, लेकिन सरकार ने अपने स्तर से कोई ठोस कार्रवाई ना करते हुए शिक्षकों का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि इससे सरकार की मंशा पारा शिक्षकों के प्रति उदासीन नजर आती है।
पारा शिक्षक उपवास के माध्यम से वर्षों से पुरानी चिरपरिचित मांग वेतनमान व स्थायीकरण को अविलम्ब कैबिनेट में पास करने की मांग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से किया।
पारा शिक्षकों ने कहा कि चुनावी मुद्दों में सबसे पहला मुद्दा झामुमो का सरकार बनने के बाद पारा शिक्षकों को नियमित करना था, लेकिन सरकार गठन के 8 माह बीतने के बाद भी सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने आंदोलन को सफल बनाने वाले शिक्षकों के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि सरकार शीघ्र पारा शिक्षकों की मांगे पूरा नहीं करती है तो पारा शिक्षक ऐतिहासिक राज्यव्यापी हड़ताल करने के लिए विवश होंगे।
स्थानांतरण नियमावली में संशोधन
सरकार की गलत नीतियों के परिणाम स्वरूप शिक्षक कई तरह की समस्याओं से घिरे हैं और अंतर जिला स्थानांतरण के लिए संघ लगातार आंदोलन करता रहा है। पति पत्नी शिक्षक हैं तो उन्हें एक साथ एक जिले में पदस्थापित किया जाएगा।
सरकार शिक्षकों के लंबित मांगों जो वर्षों से अधूरी है वह पूरी होगी। अपने गृह जिला से दूर लगभग 7500 महिला व पुरुष शिक्षक वर्षों से कार्यरत हैं।
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर व मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि संघ के अथक प्रयास से राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण नियमावली में संशोधन होने जा रहा है। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को इसकी मंजूरी के लिए शिक्षकों की ओर से धन्यवाद है। न्यूज़ सोर्स गिरिडीह न्यूज़