विश्व शौचालय दिवस 19 नवंबर को लेकर जागरूकता अभियान के तहत दिनांक 14 नवंबर से 17 नवंबर 2020 तक जिले में ग्राम स्तर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया।
दिनांक 14.11.2020 को ग्राम स्तर पर ग्रामीणों को स्वच्छाग्राही/जल सहिया/स्वयं सेवकों/प्रखण्ड समन्वयक एवं सोशल मोब्लाईजर के माध्यम से लाभुकों को स्वयं का शौचालय स्वयं से रंग-रोगन करवाया गया। इसमें स्वच्छता आधारित संदेश, स्लोगन, एवं प्रेटिंग कार्यक्रम आयोजित किये गये।
दिनांक 15.11.2020 को ग्राम स्तर पर ग्रामीणों को शौचालय के साफ-सफाई हेतु स्वच्छाग्राही, जलसहियाओं, प्रखण्ड समन्वयक एवं सोशल मोब्लाईजर द्वारा प्रेरित किया गय। इस क्रम में ग्राम स्तर पर निगरानी समिति द्वारा भी सक्रिय रूप से सम्मिलित होकर ग्रामीणों को प्रेरित करने का कार्य किया गया। गा्रम स्तर पर लाभुकों ने स्वयं अपने-अपने शौचालयों में जग, हैंडवाश, साबुन इत्यादि रखे।
दिनांक 16.11.2020 को ग्राम स्तर पर स्वच्छाग्रहियों एवं जलसहियाओं द्वारा स्वयं के शौचालय का स्वयं से अनुश्रवण करने हेतु ग्रामीणों को प्रेरित करने का कार्य किया गया। इस क्रम में स्वयं ग्रामीणों द्वारा शौचालय में हुई छोटी-छोटी गड़बड़ियों यथा-पाईप, जक्शन बाॅक्स, दरवाजा, नल, गड्ढों के ढक्कनों को जांचने का कार्य किया। किसी तरह की खराबी पाये जाने पर उसे लाभुकों ने स्वयं ठीक करने हेतु तत्परता के साथ पहल किया। इस दौरान पाया गया कि शौचालय के उपयोग के उपरांत कुछ शौचालय के गड्ढे भर गये थे। गड्ढों के भरने के उपरांत उसका उपयोग करना उचित नहीं था। इसलिए लाभुकों द्वारा भरे हुए गड्ढोें को खाली करने का कार्य भी किया गया।
दिनांक 17.11.2020 को ग्राम स्तर पर स्वच्छाग्रहियों/जलसहियाओं, आंगनबाडी सेविका/सहायिका द्वारा ग्रामीणों को सेल्फी विथ टाॅयलेट के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। ग्रामीणों ने बढ़ चढ़ कर कार्यक्रम में भाग लिया और अपने-अपने शौचालय के साथ सेल्फी लिया। इन सेल्फियों में से प्रखण्ड स्तर पर किसी एक बेहतर फोटोग्राफ का चयन किया जाएगा और अभियान के समापन के उपरांत चयनित फोटोग्राफ को जिला स्तर पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग से संपर्क कर अथवा एसबीएम-ग्रामीण द्वारा सार्वजनिक जगहों पर फ्लैक्स के माध्यम से लगाया जाएगा।
विश्व शौचालय दिवस जागरूकता अभियान के अन्तर्गत उक्त साप्ताहिक कार्यक्रम में ग्रामीणों की भागीदारी यह प्रदर्शित करती है कि सचमुच शौचालय स्वच्छता का अभिन्न अंग बन चुका है। आज घर-घर में शौचालय का उपयोग किया जा रहा है। जिस थीम (अपना शौचालय जगमग जगमग) के साथ यह कार्यक्रम शुरू किया गया था वह अक्षरशः सार्थक प्रतीत होता है।