उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो की अध्यक्षता में आज कृषि व इससे संबद्ध विभागों की बैठक हुई। बैठक में सर्वप्रथम कृषि विभाग द्वारा बीज विनिमय और 50 फीसदी अनुदान पर बीज वितरण को लेकर समीक्षा करते हुए उपायुक्त द्वारा निदेश दिया गया कि मसूर, चना, एनएफएसएम, सरसों आदि बीज का वितरण ससमय कर लिया जाय। जिले के जिन लाभुकों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल रहा है उनमें से छूटे हुए 28717 लाभुकों को भी केसीसी से आच्छादित किया जाय। इसे अत्यावश्यक समझाा जाय। इसके अतिरिक्त उन लाभुकों का निबंधन लैम्पस में भी कराया जाय ताकि वे अपना धान अधिप्राप्ति केंद्रों पर ही विक्रय कर सकें। जो कृषक मित्र, जनसेवक, कर्मचारी, एटीएम/बीटीएम इसमें कोई रूचि नहीं लेंगे उन पर कार्रवाई होगी। केसीसी के अधिक से अधिक आवेदन जेनरेट किये जायें।
जिला सहकारिता पदाधिकारी, लोहरदगा को सहकारिता समिति का चुनाव इसी माह के भीतर संपन्न कराने का निदेश दिया गया। धान प्राप्ति में किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न नहीं हो, जो भी धान अधिप्राप्ति में समस्या उत्पन्न करेगा, उस पर कार्रवाई की जायेगी। साथ ही, जिले में स्वीकृत कोल्ड स्टोर का भी निर्माण जल्द पूर्ण कराया जाय ताकि कृषि उत्पादों को सुरक्षित रखा जाय सके। इसके अतिरिक्त रबी फसलों के लिए प्राप्त बीज का भी वितरण कार्य संपन्न कराया जाय। जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। मतदाता सूची बनायी जा रही है। रबी फसलों के लिए 247 क्विंटल गेहूं और 09 क्विंटल चना का वितरण शेष है। इसके अतिरिक्त मसूर का बीज भी वितरण किया जा रहा है।
जिला उद्यान पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि पाॅलीहाउस निर्माण के लिए लाभुकों का चयन जल्द कर लिया जाय। माली का प्रशिक्षण के लिए चयन प्रक्रिया पूरी कर ली जाय ताकि ससमय प्रशिक्षण दिया जा सके। इसी प्रकार मिर्च, मशरूम, स्ट्राॅबेरी की खेती के लिए भी प्रशिक्षुओं का चयन कर लें। जो बेहतर कृषि कर रहे हैं उनको भी चिन्हित किया जाय।
भूमि संरक्षण विभाग को निदेश दिया गया कि पंप सेट वितरण योजना का लाभ उन लोगों को भी मिले जिनके पास सिंचाई के लिए पानी की सुविधा है। पेट्रोल- डीजल व बिजली के अतिरिक्त सौर आधारित लिफ्ट सिंचाई की योजना को भी जिले में सभी प्रखण्डों में अपनाया जा सकता है जिसमें कम लागत में अधिकतम भूमि सिंचित किये जाने की संभावना है।
जिला गव्य विकास पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि जितने आवेदन केसीसी के लिए प्राप्त हुए हैं उन सभी 2700 आवेदकों का केसीसी सुनिश्चित किया जाय। साथ ही अधिक से अधिक आवेदन जेनरेट किया जाय ताकि अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके। केसीसी आवेदन के लिए जिस स्तर से भी लापरवाही होगी, कार्रवाई उस पर निर्धारित की जायेगी।
जिला मत्स्य पदाधिकारी को जलाशयों में अंगुलिका का भण्डारण जल्द पूर्ण करने का निदेश दिया गया।