जिला प्रशासन का उद्देश्य है कि महिलाओं के लिए एक सशक्त समाज व आत्मनिर्भर भविष्य के सपनों को साकार किया जाय। जिला प्रशासन व जे.एस.एल.पी.एस के सहयोग से महिलाओं में आत्मविश्वास जागृत करने के प्रयास सार्थक सिद्ध हो रहे हैं। युवा महिलाओं के लिए एक सफल उदाहरण प्रस्तुत करती हैं खूंटी की विजेता। विजेता हस्सा पूर्ति खूंटी जिले के एक मध्यम वर्गीय परिवार से है। उनके कंधों पर दो भाई और तीन बहनों की पढ़ाई और उनकी देख-रेख की जिम्मेदारी थी। उन्होंने कई समस्याओं का सामना करते हुए अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। उसे पूरा करने के बाद उन्होंने कई साक्षात्कारों के लिए प्रयास किया था, परन्तु उचित प्राशिक्षण ना प्राप्त करने के कारण उनके कौशल में कमी थी।
उनके जीवन में एक सकारात्मक दिशा तब आई जब उन्हें डीडीयू-जीकेवाई, खूंटी द्वारा प्राप्त कराए जाने वाले प्रशिक्षण के सम्बन्ध में जानकारी मिली। उनके गांव की बैठक में प्रशिक्षण केंद्र के परामर्शदाताओं द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रमों के विषय में विस्तृत जानकारियां साझा की गई, जिससे प्रभावित होकर उन्होंने डीडीयू-जीकेवाई, खूंटी केंद्र के माध्यम से प्राशिक्षण प्राप्त किया। पूर्ति का लक्ष्य था कि वो Phlebotomy तकनीशियन का प्राशिक्षण प्राप्त कर इस क्षेत्र में कार्य करें। उन्होंने Phlebotomy कोर्स के लिए दाखिला लिया। साथ ही उन्होंने अच्छे विश्लेषणात्मक और समस्या-समाधान को प्रदर्शित कर बेहतर रूप से प्राशिक्षण प्राप्त किया। इससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ा साथ ही पारस्परिक कौशल को भी विकसित करने में मदद मिली। संस्थान में युवाओं को उचित प्राशिक्षण उपलब्ध कराने का एक अनूठा तरीका है। इनमें वास्तविक जीवन के उदाहरणों का उपयोग करते हुए प्रभावशाली रूप से प्राशिक्षण दिया जाता है। वर्तमान में विजेता रमैया मेमोरियल अस्पताल, बैंगलोर में सहायक नर्स के रूप में काम करती हैं, साथ ही उन्हें 12,000 का मासिक वेतन मिल रहा है। इससे अब उन्हें भरोसा है कि वो अपने साथ-साथ अपने भाई-बहनों को भी बेहतर शिक्षा उपलब्ध करा कर उनका भविष्य उज्ज्वल बनाएंगी। विजेता हस्सा पूर्ति बताती हैं कि उन्हें ना केवल रोजगार मिला है बल्कि उनमें आत्मनिर्भर जीवन के लिए आत्मविश्वास भी जागृत हुआ है।