आज डीआरडीए सभागार में उपायुक्त, श्री शशि रंजन की अध्यक्षता में विद्यालय स्वच्छता पर एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उक्त आयोजन यूनिसेफ की सहयोगी संस्था लीड्स द्वारा किया गया। कार्यशाला के दौरान विषय “स्वच्छ विद्यालय स्वस्थ्य बच्चे” विषय के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त एवं उप विकास आयुक्त सहित अन्य अधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
*बच्चों को प्राथमिक स्तर पर ही उपलब्ध कराई जाय स्वच्छता व स्वास्थ्य सम्बन्धी मूल जानकारियां– उपायुक्त*
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मौके पर उपायुक्त, श्री शशि रंजन द्वारा बताया गया कि यह सभी के लिए स्वर्णिम अवसर है जहां हम एक मंच पर इस महत्वपूर्ण विषय के सम्बन्ध में चर्चा कर सकते हैं। उन्होंने बताया की बच्चों को प्राथमिक स्तर पर स्वच्छता से सम्बंधित अहम जानकारियां दी जानी चाहिए। ताकि बच्चें इसे आदत बनाकर अपनी जीवनशैली में ढाल सकें। आगे उन्होंने कहा कि सरकार की परिकल्पना रही है कि स्वच्छता के प्रति सकारात्मक वातावरण का निर्माण हो। इसी दिशा में हम सभी को अपने स्तर पर भी प्रयास करने की आवश्यकता है। स्वच्छता का विषय अपने आप में ही बहुउद्देश्यीय है। विद्यार्थियों के जीवन में स्वच्छता को अनुशासन के रूप में प्रदर्शित किया जाना चाहिए। ये निरन्तर जारी रहने वाली प्रक्रिया है। इन मानकों पर विशेष रूप से कार्य करते हुए हम ना केवल बच्चों के आचरण में परिवर्तन लाएंगे। बल्कि अपने राष्ट्र को भी स्वच्छ व सुंदर बनाने की ओर कदम बढ़ाएंगे।
इसी क्रम में उपायुक्त द्वारा कार्यशाला के मुख्य बिंदुओं पेयजल, शौचालय, व्यवहार परिवर्तन व क्षमता वर्धन एवं स्वास्थ्य के सम्बंध में विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले के विद्यालयों में पेयजल व शौचालय की व्यवस्थाओं को सुदृढ किया जाय। साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिए गए कि सभी विद्यालयों में शौचालय की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। विद्यार्थियों की संख्या को देखते हुए सोलर वाटर पम्प की भी व्यवस्था की जानी चाहिए।
आगे उन्होंने कहा कि स्वच्छता के प्रति सभी को अपनी विचारधारा व व्यवहार परिवर्तन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को पूर्व से ही स्वास्थ्य के प्रति गंभीर दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। उन्हें उचित रूप से फर्स्ट एड व अन्य मूल जानकारियां उपलब्ध कराई जानी चाहिए। बच्चों में स्वच्छता से संबंधित आदतों का विकास किया जाय ताकि वे उसे अपने जीवन में आत्मसात कर सके। विद्यालय में शौचालय की साफ-सफाई एवं कचरा प्रबंधन को भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। ताकि प्रारंभिक स्तर पर होने वाले इन्फेक्शन से बचाव करने में सहयोग दें बच्चों को पौष्टिकता की भी जानकारी होनी चाहिए।
इसी कड़ी में उप विकास आयुक्त द्वारा बताया गया कि विद्यालय से ज्ञान अर्जित कर हमारे विद्यार्थी मानवता के लिए कार्य करने की ओर अग्रसर होते हैं। हम इस माध्यम से ना केवल बच्चों को बल्कि उनके परिवार हमारे समाज एवं सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए स्वच्छता के महत्व को साझा किया जाना चाहिए।
युनिसेफ के राज्य सलाहकार गौरव वर्मा के द्वारा स्वच्छ विद्यालय स्वस्थ बच्चे से संबंधित स्वच्छता के सभी बिन्दुओं पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। मौके पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने विद्यालय में स्वच्छता संबंधी विकास में समुचित सहयोग प्रदान करने की बात कही।
इसके साथ ही कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा आश्वासन दिया गया कि जिले के सभी विद्यालयों में पेयजल उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही जल जांच हेतु भी कार्य किये जायेंगे।
मौके पर जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि विद्यालय स्वच्छता के 39 बिंदुंओ को सभी विद्यालयों में सुनिश्चित कराया जाना चाहिये।