डोम्बारी बुरु मेला कमिटि, गुटूहातु के तत्वावधान मे भगवान बिरसा मुण्डा की कर्मभूमि डोम्बारीबुरू में आज शहादत दिवस का भव्य आयोजन किया गया। इस मौके पर क्षेत्र के लोग डोम्बारीबुुुरू में एकत्रित हुए एवं 9 जनवरी 1900 को शहीद हुए शहीदों को याद किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि सांसद, खूंटी सह माननीय केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा, जनजातीय कार्य मामले, भारत सरकार, पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष श्री कड़िया मुंडा, तोरपा विधायक श्री कोचे मुंडा सहित अन्य लोगों ने पारंपरिक तरीके से पूजा-अर्चना के बाद भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
शहादत दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए माननीय केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने भगवान बिरसा मुडा के व्यक्तितत्वों व कृतित्वों पर प्रकाश डालते हुए लोगों से समाज, क्षेत्र व राज्य के विकास हेतु उनके पद चिन्हों का अनुकरण करने की अपील की। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने अग्रंजों के विरुद्ध झारखंड में उलगुलान छेड़कर हम आदिवासियों को विकास का रास्ता दिखाया था। पर, अब हमें अपने हक व अधिकार के प्रति जागरुक होकर संवैधानिक तरीके से अपने समाज, गांव व राज्य के लिए विकास की दिशा में प्रगति के रास्ते का चुनाव करना होगा। उन्होंने कहा कि हमें अपनी परंपरा, रीति-रिवाज, संस्कृति को अक्षुण्ण रखते हुए राज्य व राष्ट्र के विकास के लिए प्रगति का मार्ग व्यवस्थित करने में अपनी भूमिका सुनिश्चित करना होगा। यही भगवान बिरसा के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा के विकास के प्रति कंेद्र सरकार कृतसंकल्पित है।
मौके पर उन्होंने डोम्बारी बुरु में भगवान बिरसा मुंडा काॅम्पलेक्स का निर्माण कराने की घोषणा करते हुए संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि काॅम्पलेक्स का निर्माण की दिशा में आवश्यक प्रक्रिया आरंभ करें। भगवान बिरसा मुंडा काॅम्पलेक्स का निर्माण के लिए राशि की कमी नहीं होने दी जाएगी।
मौके पर पूर्व सांसद सह लोक सभा उपाध्यक्ष श्री कड़िया मुण्डा ने डोम्बारीबुरू के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खूंटी आंदोलन की धरती है। उन्हांेने लोगों से भगवान बिरसा मुण्डा, शहीद सरदार गया मुण्डा, मारंग गोमके जयपाल सिंह मुडा सहित अन्य महापुरुषों के आर्दशों का अनुकरण करते हुए अपने अधिकार के लिए एकजुट एवं जागरूक होकर संवैघानिक तरीके से आगे आने का आह्वान किया। उन्होने कहा कि कि शहीदों के गावों के विकास के लिए सरकार कृतसंकल्पित है।
इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। पारंपरिक परिधानों में सुसज्जित लोक कालाकारों द्वारा मुंडारी भाषा में गीत व नृत्य का आकर्षक प्रस्तुति कर अमर शहीदों के पराक्रम और बलिदानों की अमर गाथा को साझा किया गया। साथ ही क्षेत्र के लोगों को शिक्षित बनने एवं संघर्ष करने का सन्देश प्रेषित किया।