उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री द्वारा देवघर व मोहनपुर प्रखण्ड के विभिन्न पंचायतों का निरीक्षण कर स्वयं सहायता समूह की दीदियों द्वारा किये जा रहे विभिन्न कार्यों का जायजा लिया गया। इस दौरान सरासनी पंचायत के गौरीगंज गांव की स्वयं सहायता समूह की दीदियों से उपायुक्त ने मुलाकात कर उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों व काम करने में आने वाली समस्याओं से अवगत हुए। साथ हीं दीदियों द्वारा बनायी जा रही लाह की चूड़ी, खिलौना व लहटी को देखते हुए उपायुक्त ने दीदियों की सराहना करते हुए कहा कि आप सभी का यह प्रयास आपके गांव व पंचायत को एक नयी पहचान दिलाने का काम कर रही है। एक छोटा सा प्रयास एक साथ कई महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा कर देता है। इसका जीता-जागता उदाहरण आप सभी ग्राम संगठन की महिलाएं है। इसके अलावे उपायुक्त ने मलहरा पंचायत के मलहरा गांव में गेंदा फूल की खेती व नावाडीह गांव की स्वयं सहायता समूह की दीदियों से मुलाकात कर मशरूम उत्पादन से होने वाले फायदे समस्याओं से अवगत हुए। साथ हीं दीदियों द्वारा की जा रही मशरूम की खेती को देखते हुए उन्होंने इसकी सराहणा करते हुए कहा कि ऐसे हीं दूसरों को प्रेरित करते हुए महिला सशक्तिकरण की मिशाल पेश करें। आज आप सबों को देखकर यह कहा जा सकता है कि महिलाएं न सिर्फ स्वरोजगार के माध्यम से स्वाबलंबी बन अपने परिवार का भरन-पोषण भी कर रही है। इसके साथ ही अपनी मेहनत के जरीये अन्य महिलाओं के प्रेरणा स्त्रोत बन रही है। इस दौरान उपायुक्त ने जेएसएलपीएस के अधिकारियेां को निदेशित किया कि जिले में मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्वयं सहायता समूह की दीदियों को मशुरूम उत्पादन प्रशिक्षण से जोड़ने का कार्य करें, ताकि प्रत्येक प्रखण्ड की दीदियों को इससे जोड़ा जा सके। *● मशरूम उत्पादन से अच्छी आमदनी….*उपायुक्त से बातचीत के क्रम में स्वयं सहायता समूह की दीदियों द्वारा बतलाया गया कि वे लोग घर के काम-काज के बाद खाली बैठी रहती थी। खाली वक्त में कोई काम नहीं रहता था। लेकिन मशरूम की खेती अपनाने के बाद न सिर्फ बेकार समय व्यवस्तता के बीच गुजरता है, बल्कि अच्छी आमदनी भी होती है। घर-परिवार खुशहाल है। बच्चों की पढ़ाई व रहन-सहन में काफी बदलाव आया है। पहले एक आदमी कमाता था उसी से गुजर चलता था, लेकिन अब दो लोगों की कमाई हो रही है। इससे घर-परिवार खुशहाली की ओर है। इसके अलावे उपायुक्त ने निरीक्षण के क्रम में जेएसएलपीएस की टीम को निदेशित किया कि स्वयं सहायता समूह की दीदियों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जल्द हीं बेहतर कार्य योजना तैयार करें, ताकि सभी समूह की दीदियों को बेहतर विकल्प दिया जा सके। साथ हीं उन्होंने मशरूम, फूल व सब्जी की खेती के अलावा दीदियों को सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, मुर्गी पालन, बकरी पालन गौ पालन सहित अन्य रोजगार के लिए भी प्रशिक्षित किया जाय, ताकि ग्रामीण महिलाओं को बेहतर रोजगार उपलब्ध कराने के साथ आर्थिक सहायता भी मुहैया करायी जा सके। *■ टाॅक टू डीसी कार्यक्रम से जुड़कर अपनी समस्याओं से करायें अवगतः- उपायुक्त….*निरीक्षण के क्रम में सखी मंडल की दीदियों से बातचीत करते हुए उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री द्वारा सभी को जानकारी दी गयी कि कोरोनाकाल में लोगों की समस्याओं के समाधन हेतु हर सोमवार को 11ः00 बजे से टाॅक टू डीसी कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे में आप सभी मेरा आग्रह होगा कि अपने नजदीकी सीएससी केन्द्र के माध्यम से जुड़कर अपनी समस्याओं व शिकायतों को मेरे समक्ष रखें, ताकि उनका निराकरण किया जा सके।*■ ग्रामीण क्षेत्रों में दीदीबाड़ी योजना व शहरी क्षेत्रों कीचन गार्डन का लोग कर सकते हैं अनुश्रवणः-उपायुक्त….*इसके अलावे उपायुक्त द्वारा विभिन्न पंचायतों में दीदी बड़ी योजना के तहत चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया गया। साथ हीं बारा पंचायत के नावाडीह गांव मे दीदी बाड़ी योजना का शुभारंभ किया गया। इस दौरान उपायुक्त ने जेएसएलपीएस की दीदीयों से बातचीत कर दीदी बाड़ी योजना से होने वाले लाभ व समस्याओं से अवगत हुए।जेएसएलपीएस के दीदियों से बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा की ग्रामीण महिलाओं व उनके बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिये सरकार ने दीदी बाड़ी योजना की शुरूआत पूरे राज्य में की गई है। यह योजना मनरेगा और जेएसएलपीएस के संयुक्त सहयोग से रोजगार के साथ साथ लोगो को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लाया गया है। इसके अलावे उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने दीदी बाड़ी योजना के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए आगे कहा कि लॉकडाउन के कारण ग्रामीण जनजीवन को सामाजिक व आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। दैनिक मजदूरी पर आश्रित परिवारों को ना केवल आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है बल्कि इसका प्रभाव उनके पोषण पर भी पड़ रहा है। ऐसे में उनके पोषण संबंधी जरुरतों को पूरा करने के लिए दीदी बाड़ी योजना का शुरुआत की गई है। लाभुक अपने बेकार पड़े जमीन में खेती कर स्वावलंबी बन सकेंगे। इसके लिए लाभुको को जेएसएलपीएस के द्वारा बीज, पौधा उपलब्ध किया जायेगा एवं मनरेगा योजना के माध्यम से लाभुकों को मजदूरी भुगतान किया जायेगा। साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से दीदी बाड़ी योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने का आग्रह किया। इसके साथ ही उपायुक्त ने दीदीयों का जाॅबकार्ड बनाने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया, ताकि महिलाओं को दीदी बाड़ी योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाया जा सकें।