उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री मंजुनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा माह के सफल क्रियान्वयन, मोटर वाहन संशोधित अधिनियम 2019, साइबर क्राइम को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन विकास भवन सभागार में किया गया।इस दौरान उपायुक्त ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा माह का मुख्य उद्देश्य लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है, लोग जागरूक होंगे तभी सड़क दुर्घटना में कमी लाई जा सकती है। उपायुक्त ने सड़क दुर्घटना के कई उदाहरण दिए। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटना में अधिकांश मृत्यु (लगभग 70 फीसद) बाइकर्स की होती है, जिसकी उम्र सीमा 16 से 30 की होती है। इस लिहाज से जिले में सड़क सुरक्षा को लेकर जागरुकता का महत्व और भी जरूरी है। सड़क सुरक्षा दिवस सप्ताह या एक महीना नहीं चलना चाहिए बल्कि यह पूरे साल चलने वाली प्रक्रिया है। ऐसे में आवश्यक है कि चालान या पुलिस के डर से नही बल्कि लोग सड़क सुरक्षा नियमों के महत्व को समझे और इसका पालन करें। साथ ही कार्यशाला के दौरान उपायुक्त ने पुलिस पदाधिकारियों के साथ ट्रैफिक व्यवस्था, साइबर क्राइम, सुरक्षा व्यवस्था के अलावा विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा करते हुए उन्हें कार्य करने में हो रही परेशानियों से अवगत हुए।इसके अलावे बैठक के दौरान उपायुक्त श्री मंजुनाथ भजंत्री द्वारा मोटर वाहन संशोधित अधिनियम 2019 से जुड़ी जानकारियों से अवगत कराया गया। साथ ही उपायुक्त ने कहा कि अभियान के दौरान आवश्यक कार्रवाई के अलावा विनम्र व्यवहार के साथ लोगों से सुरक्षित जीवन के लिए यातायात नियमों के अनुपालन की अपील करें, ताकि नियमों को अपनाकर लोग सुरक्षित परिचालन करते हुए खुद को व अपने परिवार को सुरक्षित रह सके।■ एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान पुलिस पदाधिकारियों को दी गई विस्तृत जानकारी….कार्यशाला के दौरान जिला परिवहन पदाधिकारी श्री फिलबुयस बारला द्वारा विभिन्न धाराओं की जानकारी के साथ ARF भरना, दुर्घटना के दौरान धारा 279 के तहत हिट एंड रन में मुआवजा का प्रावधान से अवगत कराया गया। साथ ही सेक्शन-183 अत्यधिक तेज गति से वाहन चलाने, सेक्शन-184 खतरनाक तरीके से वाहन चलाने एवं सेक्शन-185 के तहत किसी भी व्यक्ति द्वारा मादक द्रवों का सेवन कर वाहन चलाने से संबंधित है। ऐसे में उपरोक्त सेक्शन की अवहेलना करने पर वाहन जांच अधिकारी द्वारा संबंधित व्यक्ति के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम-1988 के सुसंगत धाराओं के तहत विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावे उनके द्वारा बतलाया गया कि ऐसे में उपरोक्त सेक्शन का उल्लंघन करते पाये जाने वाले व्यक्ति पर अर्थ दंड एवं जेल की सजा अथवा दोनो का प्रवधान है। साथ हीं जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा जिले के विभिन्न राजमार्गों पर भ्रमणशील पीसीआर वाहन के पुलिस अधिकारियों को निदेशित किया गया कि सभी पीसीआर वाहन द्वारा उनके भ्रमण हेतु निर्धारित सभी राजमार्गों पर सेक्शन- 183, 184, एवं 185 के तहत वाहनों की सघन जाँच की जाय एवं सड़क सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन कराया जाय, ताकि लोगो द्वारा खतरनाक तरीके से, तीव्र गति से एवं नशीले पदार्थों का सेवन कर वाहन के परिचालन पर अंकुश लगाया जा सके एवं सड़क दुघर्टना से लोगो के जीवन की रक्षा की जा सके। इसके अलावा जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा सभी पीसीआर वाहन के पुलिस अधिकारियों को ब्रेथ एनालाइजर व अल्कोहल मीटर के द्वारा जांच किये जाने संबंधी विस्तृत जानकारी देते हुए बतलाया गया कि जाँच के दौरान मीटर रीडिंग में यदि 30 एम०जी० या फिर उससे अधिक की रीडिंग आती है तो वैसे स्थिति में संबंधित वाहन चालक के विरूद्ध कार्रवाई की जा सकती है।