उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री मंजुनाथ भजंत्री ने धरवाडीह पंचायत के रूकाडीह गांव के सखी मंडल की महिलाओं द्वारा रंगीन मछली पालन हेतु किये जा रहे कार्यों की वास्तुस्थिति से अवगत हुए। साथ हीं उपायुक्त ने स्वयं सहायता समूह की 10 दीदियों द्वारा अपने-अपने घरों में रंगीन मछली को लेकर कर रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पुरे लग्न के साथ आप सभी कार्य करें, ताकि जिले के और भी प्रखंडो की दीदियों को धीरे-धीरे रंगीन मछली पालन के रोजगार से जोड़ा जा सके। इसके अलावे उपायुक्त ने मौके पर उपस्थित जिला मत्स्य पदाधिकारी एवं जेएसएलपीएस के अधिकारियों को निदेशित किया कि समय-समय पर स्थल निरीक्षण करते हुए स्वयं सहायता की दीदियों का मार्ग दर्शन करते रहें। साथ हीं दीदियों को आने वाले समय में समस्या न हो इस हेतु अभी से हीं बेहतर बाजार व रंगीन मछली खरीदने वाले दुकानों से स्वयं सहायता समूह की दीदियों का समन्वय स्थापित करा दें, ताकि रंगीन मछली को बेचने में दीदियों को किसी प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े।इसके अलावे निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री द्वारा रूकाडीह गांव में दीदी बड़ी योजना का शुभारंभ सब्जी का बीज लगाकर किया गया। साथ हीं जेएसएलपीएस की उपस्थित दीदीयों को दीदी बाड़ी योजना से जुड़ी विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने कहा की ग्रामीण महिलाओं व उनके बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिये सरकार ने दीदी बाड़ी योजना का पूरे राज्य में शुभारंभ किया है। यह योजना मनरेगा और जेएसएलपीएस के संयुक्त सहयोग से रोजगार के साथ साथ लोगो को पोष्टिक आहार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लाया गया है। साथ ही उन्होंने दीदी बाड़ी योजना के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए आगे कहा कि लॉकडाउन के कारण ग्रामीण जनजीवन को सामाजिक व आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। दैनिक मजदूरी पर आश्रित परिवारों को ना केवल आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है बल्कि इसका प्रभाव उनके पोषण पर भी पड़ रहा है गर्भवती महिलाएं एवं उनके बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं। उनके पोषण संबंधी जरुरतों को पूरा करने के लिए दीदी बाड़ी योजना का शुरुआत की गई है। लाभुक अपने बेकार पड़े जमीन में खेती कर स्वावलंबी बन सकेंगे। इसके लिए लाभुको को जेएसएलपीएस के द्वारा बीज, पौधा उपलब्ध किया जायेगा एवं मनरेगा योजना के माध्यम से लाभुकों को मजदूरी भुगतान किया जायेगा। साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से दीदी बाड़ी योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने का आग्रह किया। इस दौरान मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए उपायुक्त श्री मंजुनाथ भजंत्री ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी के प्राथमिकता के अनुरूप जिला प्रशासन द्वारा जेएसएलपीएस की दीदीयों को सशक्त व स्वावलंबी बनाने हेतु प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से उन्हें जोड़ने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है, ताकि वे स्वरोजगार कर आत्मनिर्भर हो सके। ऐसे में मत्स्य विभाग द्वारा जेएसएलपीएस की सखी मंडल की दीदियों को प्रशिक्षित कर स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि वे अपने घरों में हीं सुरक्षित रहते हुए स्वरोजगार कर कुछ आमदनी कर सकें। इसी कड़ी में मत्स्य विभाग के सहयोग से जेएलएलपीएस के सभी अधिकारियों, प्रखण्ड पदाधिकारियों, कर्मियों व स्वयं सहायता समूह की दीदियों को रंगीन मछली पालन, मत्स्य रोजगार से जुड़ी विस्तृत जानकारी व प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आने वाले समय में प्रशिक्षण के पश्चात जिले के सभी प्रखण्डों व पंचायतों के स्वयं सहायता समूह की दीदियों को मत्स्य पालन के रोजगार से जोड़ा जायेगा, ताकि वे अपने गांव में हीं मत्स्य पालन कर अपने परिवार को सशक्त व आत्मनिर्भर बन सके। वर्तमान में शहरों में रंगीन मछलियों को पालने का चलन लगातार बढ़ रहा है, जिससे बना बनाया बाजार भी दीदियों को मिल जाएगा। ऐसे में दीदियों के साथ किसान भाई भी मछली पालन के साथ-साथ रंगीन मछलियों को पालकर और ज्यादा मुनाफा कमा सकते है।■ जिले में रंगीन मछली पालन व मत्स्य पालन को एक बेहतर रोजगार का स्वरूप दिया जायेगा….इसके अलावे उपायुक्त श्री मंजुनाथ भजंत्री ने कहा कि इस प्रकार का एक छोटा सा प्रयास एक साथ कई महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा कर देता है, इसका जीता-जागता उदाहरण स्वयं सहायता समूह की महिलाएं हैं। आने वाले समय में जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न गांव की महिलाओं को प्रशिक्षित कर मत्स्य पालन व रंगीन मछली पालन के रोजगार से जोड़ा जाएगा। इससे वे न सिर्फ आत्म निर्भर होकर स्वरोजगार करेंगी बल्कि अपने आय से अपने घर परिवार के लिए कुछ बचत कर पायेगी। यह हम सभी के लिए खुशी की बात है कि हम सभी के साझा प्रयास से अब सखी मंडल की महिलाएं सशक्त होकर स्वाबलंबी हो रही हैं एवं दूसरों को भी अपने पैरों पर खड़ा होकर आगे बढ़ने हेतु प्रेरित कर रही हैं।