आज समाहरणालय स्थित सभागार में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की समीक्षा बैठक उपायुक्त राम निवास यादव की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 के अन्तर्गत बैंक शाखा प्रबंधकों के साथ प्रगति से संबंधित समीक्षा की गयी।बैठक में उद्योग विभाग द्वारा बताया गया कि वर्ष 2020-21 में रोजगार सृजन हेतु ज़िले से 79 लोगों को 237 लाख रुपये का ऋण योग्य लाभुकों को उपलब्ध कराने का लक्ष्य दिया गया है।इसी संबंध में समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने बैंक द्वारा फारवर्ड किए गये आवेदनों की जानकारी ली जिसमें बताया गया कि बैंकों को ऋण स्वीकृति हेतु 312 आवेदन भेजे गए।इस दौरान समीक्षा के क्रम में पाया गया कि 71 आवेदकों की ऋण स्वीकृति हुई है एवं लक्ष्य के अनुरूप 08 लाभुक ऋण हेतु बचे हुए हैं।जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक रमेश प्रसाद गुप्ता ने बताया कि पीएमईजीपी के तहत विनिर्माण क्षेत्र में अधिकतम 25 लाख तथा सेवा उद्योग के लिए अधिकतम 10 लाख ऋण दिया जाता है। वर्ष 20-21 के लिए जिला को 79 आवेदकों को ऋण देने का लक्ष्य है। इसके लिए विभाग को 312 आवेदन प्राप्त हुआ है। जिसे बैंकों को अग्रसारित कर दिया गया है। जिसमें भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, वनांचल ग्रामीण बैंक, यूको बैंक, इलाहाबाद बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, ओवरसीज बैंक, केनरा बैंक तथा सिडिकेट बैंक शामिल हैं। अभी तक 79 लक्ष्य के विरुद्ध 71 आवेदकों को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत ऋण मुहैया कराया गया है।इस दौरान बताया गया कि 29 आवेदकों को ऋण डिसब्र्स किया जा चुका है जबकि 42 आवेदक डिसब्र्स हेतु पेंडिंग हैं।बैठक में उपायुक्त ने सभी बैंकों से बारी बारी ऋण स्वीकृती के लक्ष्य की जानकारी ली एवं इसके विरुद्ध अभी तक हुई कि प्रगति कि समीक्षा की।इस दौरान उन्होंने सभी बैंकों को योग्य लाभुको को ऋण मुहैया कराने का निर्देश दिया।उन्होंने कहा कि ज़िले की प्रगति एवं लोगों में रोजगार सृजन हेतु बैंकों का योगदान अति आवश्यक है। इसलिये सभी बैंक अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए जिला प्रशासन का सहयोग करें।