खूंटी – आजीविका मिशन के अंतर्गत खूंटी जिला में मछली पालन को बढावा देने के उद्देश्य से जेएसएलपीएस , द्वारा सखी मंडल की महिलाओं को मछली का जीरा (स्पॉन) बांटा जा रहा है। इसमें प्रति लाभुक 2 लाख मछली का जीरा दिया जा रहा है, जिसे मनरेगा के अंतर्गत बने डोभा में छोड़ा जा रहा है। डेढ़ महिने मे अंगुलिका साइज़ होने पर इन्हे बडे तालाबों मे छोड़ा जायेगा।मछली उत्पादन में मत्स्य बीज उत्पादकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। इस माध्यम से किसानों के बीच मत्स्य पालन के महत्व को उजागर करने के उद्देश्य से जेएसएलपीएस द्वारा खूंटी जिले के कर्रा प्रखण्ड में किसानों को मत्स्य बीज उपलब्ध कराया गया। बीज उत्पादकों में कर्रा प्रखण्ड के गुनी,उडीकेल, अमजोरा, मानपुर, हसबेडा, कुलहुटू गांव के किसानों का चयन कर उपलब्ध कराए गए जीरा का संचयन किया गया।खूंटी जिला अंतर्गत कर्रा प्रखण्ड के 50 लाभुक में कुल 50 लाभुको को 100 लाख मछली का जीरा दिया गया।इस दौरान महिला किसानों को इनके देखभाल और चारा पर विशेष जानकारी दी गयी है। साथ ही बताया गया कि ग्रामीण मत्स्य पालन कर अच्छा स्वरोजगार अपना सकते हैं। मछली पालन से किसानों की आय में वृद्धि करने के साथ-साथ, खूंटी को मत्स्य पालन में आत्मनिर्भर बनाने का उद्देश्य है।इसके साथ ही ग्रामीणों को कोरोना से बचाव व रोकथाम हेतु विशेष रूप से मास्क का उपयोग करना, व्यक्तिगत स्वच्छ्ता व आस-पास की साफ-सफाई करने से सम्बंधित जागरूकता सन्देश प्रेषित किये गए। साथ ही बताया गया कि हर व्यक्ति समाजिक दूरी का महत्व समझते हुए अपने कार्यों का निष्पादन करें। ताकि स्वास्थ्य सुरक्षा पर भी आवश्यक ध्यान दिया जा सके।