उपायुक्त, श्री शशि रंजन की अध्यक्षता में डीएमसी(जिला स्तरीय निगरानी समिति) की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान मुख्य रूप से पुलिस अधीक्षक, श्री आशुतोष शेखर, उप विकास आयुक्त एवं अनुमण्डल पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक के दौरान फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (FPOs) के कार्यों व FPO के गठन के सम्बंध में विस्तृत चर्चा की गई। जिले में संचालित FPO के विकास व कार्यकलापों के सम्बंध में जानकारी ली गयी। इसमें मुख्यतः खूंटी जिले के खूंटी, मुरहू, अड़की एवं रनिया प्रखण्ड में सरकार द्वारा चलाई जा रही FPO प्रोमोशन योजना के तहत किसान उत्पादक समूह का गठन प्राथमिकता के आधार पर किया जाना है, उपायुक्त ने निर्देश दिए कि सभी उत्पादक समूह का गठन किया जाय। साथ ही तोरपा प्रखण्ड में बने किसान उत्पादक समूह के जरिये किसानों को मिल रही मदद की जानकारी दी गयी तथा अन्य FPO के लिए इससे उचित सहयोग लेने की बात कही। उपायुक्त ने NCDC के रीजनल डायरेक्टर को निर्देश दिए की तोरपा महिला कृषि बागवानी स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड जिला प्रशासन के सहयोग एवं मार्गदर्शन में बना है इसलिए इसे FPO प्रोमोशन कार्यक्रम में शामिल कर आवश्यक सहयोग किया जाय। प्रदान के द्वारा खूंटी, मुरहू, अड़की एवं रनिया प्रखण्ड में FPO प्रोमोशन योजना के अंतर्गत चल रहे गतिविधि की प्रगति के सम्बंध में PPT के माध्यम से जानकारी दी गयी।किसान उत्पादक संगठन के गठन और संवर्धन को लेकर विभिन्न बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया गया। जीवंत और सतत आय उन्मुख बनाने के लिए और समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास और कृषि-विज्ञान की कुशल, लागत प्रभावी और टिकाऊ संसाधन के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाने के लिए और बेहतर तरलता और बाजार लिंकेज के उद्देश्यों को पूर्ण करना महत्वपूर्ण है। साथ ही बताया गया कि आर्थिक रूप से व्यवहार्य और आत्मनिर्भर बनने के लिए कृषि उद्यमिता कौशल विकसित करने के लिए एफपीओ को प्रभावी क्षमता निर्माण प्रदान करना आवश्यक है। एफपीओ को प्रसंस्करण, ब्रांडिंग, विपणन और व्यापार की आवश्यकता के आधार पर चर्चा की गई।इस दौरान उपायुक्त ने निर्देश दिए कि एकीकृत प्रसंस्करण यूनिट बनाये जाने हेतु उचित कार्ययोजना बनाई जाय। साथ ही उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर का विकास भी कृषि के माध्यम से सम्भव है। मौके पर उपायुक्त द्वारा निर्देशित किया गया कि नियमित बैठकें आयोजित करके एफपीओ विकास और कामकाज की प्रगति की बारीकी से निगरानी और समीक्षा की जाएगी। जिले में उत्पादन समूहों (जहां एफपीओ का गठन और प्रचार किया जा सकता है) और क्लस्टर और गतिविधियों के लिए उचित कार्य किये जाय। बैठक के दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि किसानों के हित में सजगता पूर्वक कार्यों को निष्पादित करना सुनिश्चित करेंगे।■ *किसानों के हित के लिए प्रयासरत है जिला प्रशासन:- उपायुक्त…*इस दौरान उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन व ग्रामीणों के बीच बेहतर संपर्क स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयास जारी है। जिला के वरीय पदाधिकारियों द्वारा पंचायत व नियमित अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नाबार्ड के संयुक्त प्रयासों का लाभ सीधा ग्रामीणों को मिलेगा। इन लाभो को बहुद्देशीय समझते हुए किसानों को तकनीकी तौर पर भी जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है। इसके साथ ही उन्होंने स्वयं सहायता समूह महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने की बात कही। उपायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उपरोक्त के अलावा जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला अग्रणी पदाधिकारी (LDM), DDM, NABARD, DPM, JSLPS, NCDC के रीजनल डायरेक्टर, प्रदान के प्रतिनिधि राजीव, बाला देवी , बंदना, विजय,तृषा एवं प्रीति उपस्थित थे।