आज सिधो कान्हू सभागार में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण -सह- कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र की आवश्यकताओं, इसका पंजीकरण करने की अवधि, संबंधित पदाधिकारी, अपीलीय पदाधिकारी की कार्य शक्तियां एवं दायित्व इत्यादि महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए इसे अत्यावश्यक दस्तावेज के रूप में अपनाने पर बल दिया गया।■क्यों जरूरी है जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र….कार्यशाला में जन्म प्रमाण-पत्र की उपयोगिता के बारे में बताया गया कि – ★जन्म की तारीख का प्रमाण का यह प्रमाणित दस्तावेज है। स्कूल में दाखिला के लिए उपयोगी है।★राशन कार्ड बनाने में उपयोगी है।★वोटर कार्ड बनाने में उपयोगी है तथा पासपोर्ट इत्यादि बनाने में आसान होता है।★इसी प्रकार मृत्यु प्रमाण पत्र की उपयोगिता के बारे में बताया गया कि – ★मृत्यु की तारीख का प्रमाणित दस्तावेज है। पैतृक संपति के दावे के निराकरण में उपयोगी है।★जीवन बीमा के लिए तथा बैंक खातों में उपयोगी है।■21 दिन के अंदर पंजीकरण कराकर नि:शुल्क प्रमाणपत्र होगा प्राप्त।इस दौरान बताया गया कि जन्म और मृत्यु की घटनाओं के 21 दिन के अंदर पंजीकरण कराकर नि:शुल्क प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा सकता है। 21 दिन के पश्चात विलंबित पंजीकरण का भी प्रावधान है। जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र संबंधित आंगनबाड़ी केन्द्र पर, पंचायत कार्यालय में, नगर परिषद मे, सदर अस्पताल में, रेफरल अस्पताल में, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है। यह प्रमाणपत्र देश के बाहर, ट्रेन, हवाई जहाज पर, पानी जहाज में घटी जन्म-मृत्यु की घटनाओं के निबंधन के लिए अलग प्रावधान है।कार्यशाला में बताया गया कि सामान्य मृत्यु पर निबंधन देश के बहार हुए घटनाओं को छोड़कर भी जन्म निबंधन की भांति कराया जाता है एवं तत्संबंधित जन्म-मृत्यु निबंधन केन्द्र से प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा सकता है। जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम के तहत् हीं प्रत्येक जन्म-मृत्यु की घटनाओं को सीआरएस. पोर्टल पर ऑनलाईन पंजीकरण कराया जाना अनिवार्य है।