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Monday, December 23, 2024
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भूतपूर्व सैनिकों का दल गंगा तटों के परिक्रमा के दौरान पहुंचा साहिबगंज

अतुल्य भारत गंगा योजना के तहत भूतपूर्व सैनिको का दल गंगा परिक्रमा करता हुआ आज साहिबगंज पहुंचा।नया परिसदन परिसर में जिला प्रशासन व साहिबगंज महाविद्यालय के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।★ कार्यक्रम में उपायुक्त रामनिवास यादव ने एनसीसी के बच्चों एवं मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने जिला प्रशासन की ओर से सेवानिवृत्त सैनिकों के दल का आभार प्रकट किया एवं कहा साहिबगंज जिला झारखंड राज्य का एकमात्र जिला है जहां से गंगा नदी गुजरती है एवं साहिबगंज जिला नमामि गंगे के तहत चयनित भी है। यहां साहिबगंज तथा राजमहल में जिला प्रशासन द्वारा कई घाटों का निर्माण कराया गया है। जिले में गंगा स्वच्छता के उद्देश्य से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा चुका है। उन्होंने बताया की साहिबगंज शहर का कोई भी अपशिष्ट पानी गंगा में प्रवाहित नहीं हो रहा है न तो यहां कल कारखानों का कचड़ा गंगा में जाता है।उन्होंने बताया कि इसके अलावा 78 ऐसे गांव हैं जो गंगा नदी में ताप टापू के रूप में अवस्थित है। जिन्हें हम दियारा क्षेत्र के रूप में जानते हैं। इन 78 गांव में मनरेगा की योजना के तहत सोकपीट बनाया गया है। जिसके तहत ग्राउंड वाटर रिचार्ज किया जा रहा है साथ ही साथ विभिन्न स्तरों पर नमामि गंगे परियोजना के तहत कम्युनिकेशन एवं आउटरीच कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिससे युवा वर्ग एवं आम नागरिकों को जलीय जी जीव संरक्षण वेटलैंड का महत्व गंगा स्वच्छता आदि के विषय में बताया जा रहा है।अपने संबोधन में उपायुक्त ने कहा यह हमारे जिले के लिए गौरव की बात है कि यहां कर्नल अपने दल के साथ आए हैं एवं आम नागरिकों को अविरल एवं स्वच्छ गंगा हेतु जागरूक कर रहे हैं। ★ कार्यक्रम के दौरान कर्नल मनोज केश्वर ने सभी को संबोधित करते हुए कहा की सेवानिवृत्त होने के पश्चात वह अपना 11 साल गंगा सेवा में देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में 40% आबादी गंगा नदी पर निर्भर करती है अगर यह अविरल नहीं रहेगी तो आने वाले वर्षों में लोग न सिर्फ गंगा तटों से पलायान कर जाएंगे बल्कि गंगा सिकुड़ कर खत्म हो जाएगी। वह एवं उनका दल इन्हीं उद्देश्यों के साथ बढ़ रहा है कि गंगा की अविरलता बनी रहे एवं वह लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करें कि वह गंगा को स्वच्छ रखें उनके तटों पर पेड़ लगाएं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा जिला प्रशासन एवं सरकार की जिम्मेदारी के साथ साथिया आम नागरिकों की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह गंगा की स्वच्छता बनाए रखें एवं उसे अविरल बहने में सहयोग करें।सेवानिवृत्त सैनिकों की दर से इंजीनियर सर्विसेस से पदयात्रा में सम्मिलित हुए गोपाल शर्मा ने पीआरडी से बातचीत करते हुए बताया कि वह वर्ष 1986 से यह सपना देख रहे हैं कि वह गंगा परिक्रमा करेंगे एवं लोगों को जागरूक करेंगे। उन्होंने बताया कि उन्होंने अविरल गंगा की परिकल्पना लेकर गंगा तटों की परिक्रमा शुरू की थी। इस दौरान वह एवं उनके साथ ही साथियों ने यह ठाना कि एक दिन निश्चय ही अगर वह परिक्रमा करना जारी रखेंगे तो गंगा अविरल बहेगी एवं स्वच्छ बहेगी।◆कैसे हुई शुरुवात.….कर्नल एवं उनके दल ने बताया कि उन्होंने यह पदयात्रा 16 दिसंबर 2020 से शुरू की थी एवं आज उनका 60वां दिन है जबकि वह उत्तर प्रदेश, बिहार,बंगाल से होते हुए झारखंड पहुंचे हैं एवं अब तक उन्होंने 2300 किलोमीटर की यात्रा की है। आगे उन्होंने बात बताया कि उनकी यात्रा लगभग 6000 किलोमीटर तक चलेगी एवं संभवतः 15 अगस्त 2020 को उनकी यात्रा पड़ाव लेगी। उन्होंने बताया कि इस यात्रा के पड़ाव लेने के पश्चात वह पुनः अगले वर्ष यात्रा की शुरुआत करेंगे एवं लोगों को प्रेरित करना जारी रखेंगे।★प्रदूषण मापन……..कार्यक्रम के दौरान कर्नल ने बताया कि उनकी यात्रा का उद्देश्य अविरल गंगा का बहाव होने के साथ-साथ गंगा एवं गंगा तटों के आसपास प्रदूषण को मापना भी है। उन्होंने बताया कि आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर उन्होंने ऐसी पद्धति विकसित की है जिसके माध्यम से वह प्रदूषण का आकलन कर रहे हैं। वह गंगा का हेल्थ इंडेक्स आने वाले दिनों में जारी करेंगे जिससे भारतवर्ष के लोगों को पता चल सकेगा कि भारत गंगा कितनी प्रदूषित हुई है।उन्होंने कहा कि इस आधार पर लोगों में यह जागरूकता होगी कि अब समय आ चुका है कि लोग अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझे। अपने आस-पड़ोस सगे संबंधी एवं साथियों को प्रेरित करते हुए बताएं की गंगा स्वच्छता कितना आवश्यक है तथा गंगा का भाव कितना जरूरी।★जागरूकता के साथ साथ वृक्षारोपण…….कार्यक्रम के दौरान कर्नल मनोज केश्वर ने बताया कि उनके साथ अभियान में ग्रीन इंडिया फाउंडेशन भी जुड़ा है जो कवर्ड क्षेत्रों में वृक्षारोपण कर रहा है। साथ ही वह गंगा तटों पर गंगा कटाव को रोकने के लिए पेड़ लगाकर अपना योगदान दे रहा है। इसी क्रम में ग्रीन इंडिया फाउंडेशन ने अब तक 3300 पीपल, बरगद, नीम आदि के वृक्ष लगाए हैं। जिससे आने वाले दिनों में पानी का स्तर ऊपर उठेगा गंगा तटों पर कटाव रुकेगा एवं वायुमंडल भी शुद्ध होगा।

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