वन प्रमंडल पदाधिकारी श्री मनीष तिवारी अध्यक्षता में उनके कार्यालय प्रकोष्ठ में गैंगेटिक डॉल्फिन से संबंधित समस्याओं के निदान की समीक्षा कि गई।बैठक के दौरान अनुमंडल पदाधिकारी राजमहल, जिला पशुपालन पदाधिकारी, कार्यपालक दंडाधिकारी राजमहल उपस्थित हुए। जिसमें साहेबगंज जिला अंतर्गत गंगा नदी में पाए जाने वाले गैंगेटिक डॉल्फिन के संरक्षण के उपायों पर चर्चा की गई।इस दौरान जिला पशुपालन पदाधिकारी, साहेबगंज द्वारा बताया गया है कि साहेबगंज जिला अंतर्गत प्राणपुर घाट पर गंगा नदी में पाए गए मृत डोल्फिन का पोस्ट–मोर्डम रिपोर्ट के अनुसार इनकी मृत्यु का कारण—HYPO VOLUMIC shock due to heavy loss of blood following cut injury by some sharp object हैं।जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा ये भी बताया गया कि इससे पहले भी एक डॉल्फिन मृत पाए गई थी दोनों डॉल्फिन putrified थी । इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि दोनों की मृत्यु 48 घंटे पहले हो चुकी थी । उन्होंने बताया कि संभवतः बंगाल के लोगो तथा मछुआरो द्वारा इसका शिकार किया जाता है। बंगाल के लोगो द्वारा गंगा घाट का डाक लेकर मछली पकड़ा जाता है जाल में कभी कभी डॉल्फिन भी हो जाती है और घुटन से इसकी मृत्यु हो जाती है। एक तरह की दुर्घटना भविष्य में ना हो इसके लिए जलिये जीव के संरक्षण हेतु जरूरी कदम उठाने की आवश्यकता है ।वन प्रमंडल पदाधिकारी श्री मनीष तिवारी ने बताया की साहेबगंज तथा राजमहल में 01-01 वॉच टावर के निर्माण हेतु भूमि चिन्हित कर निर्माण किया जाएगा ।उन्होंने बताया गशती दल द्वारा गंगा नदी पर लगातार अंतराल में गश्त कराई जाए और गंगा प्रहरियों, गंगा दूत (नेहरू युवा केंद्र के सदस्य) गंगा ग्राम के लोगो को जलीय जीव संबंधित प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावे बैठक में जिलाधिकारी मालदा को इसकी सूचना देने का निर्णय लिया गया ।