धनबाद। कोरोना महामारी काल ने रुद्र रूप में अपने बढ़ाते हुए कदम से कतरास शहर के रानी बाजार निवासी चौधरी परिवार को 16 दिन में 88 वर्षीय मां समेत 5 बेटों का मौतों को काल ने समा लिया।88 वर्षीय बृद्ध महिला पोते की शादी में शामिल होने दिल्ली से आई थी , जून का आखरी सप्ताह कतरास रानी बाजार में चौधरी परिवार में शादी की तैयारी की धूम थी ? 26 जून को परिवार की सबसे बुजुर्ग 88 वर्षीय महिला अपने पोते की शादी में शामिल होने दिल्ली से आई थी, वह वहां से अपने बेटों के साथ रह रही थी।27 जून को कतरास शहर के राजस्थानी धर्मशाला में धूमधाम से शादी हुई, पूरा परिवार इसमें शामिल हुआ। दूल्हे दुल्हन की को खुशहाल जीवन का आशीर्वाद दिया।लेकिन अगले ही दिन बृद्ध महिला की तबियत बिगड़ गई और उसे चास स्थित नर्सिंग होम भर्ती कराया गया ।यहीं से परिवार का आफत की शुरुआत हुई। बृद्ध महिला का इलाज के दौरान 4 जुलाई को उन्होंने दम तोड़ दिया। मृत बृद्ध महिला इसके स्वाब लेने के बाद को शव को परिजनों को सौंप दिया गया और परिजनों ने उनका दामोदर नदी तट पर अंतिम संस्कार कर दिया। दूसरे दिन उस बृद्ध महिला का स्वाब रिपोर्ट पॉजिटिव आया तो शादी समारोह में शामिल होने वाला हर कोई दहशत में आया ।बृद्ध महिला की मौत के बाद आनन-फानन में परिवार के सभी सदस्यों की पूर्ण जांच कराई गई। महिला के चार बेटों समेत परिवार के 10 सदस्य पॉजिटिव पाए गए।एक-एक करके उनकी तबीयत बिगड़ती गई। उन्हें इलाज के लिए कोविड-19 में भर्ती कराया गया। 10 और 11 जुलाई को महिला के दो बेटों की धनबाद में और 12 जुलाई को तीसरे रांची रिम्स में मौत हो गई।तीनों की 4 दिन बाद 16 जुलाई को चौथे बेटे ने जमशेदपुर में अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस तरह पूरा परिवार काल के गाल में समा गया। और कतरास समेत पूरे झारखंड के चर्चा का विषय बन गया। वही मुहल्ले वालो ने इस दुःखी परिवार के ऊपर सांत्वना जताते हुए सरकार से इस परिवार को मदद करने की गुहार लगाई है।ऐसी अजीबोगरीब घटना पहेली भी बनी हुई है की शादी समारोह तक सब कुछ परिवार में अच्छा था खुशहाली से भरा परिवार था ,शादी का माहौल और मात्र 16 दिन के अंतराल में परिवार के छह सदस्यों की मृत्यु हो गई पूरा परिवार बिखर गया, मातम में परिवार समेत पूरा कतरास धनबाद के लोग आ गए है ।आखिर ये कैसी कोरोना आई ?जो एक ही परिवार को बर्बाद कर गई । लोगों के अंदर अब सवाल उठने लगा की कोरोना ही था या अन्य कोई बीमारी ? सरकार और ब्यवस्था से असंतुष्ट ये समाज सरकार से सवाल करते नहीं थक रहा हैकब सुधरेगी ब्यवस्था ?कब तक होती रहेगी ऐसी बिभत्स घटना? क्या इसे हम रोक नहीं सकते थें ।